नन्हे दामन में लेना तू समेट केहरी का यह अंतिम भेंट। नन्हे दामन में लेना तू समेट केहरी का यह अंतिम भेंट।
यारों अपना हाल अब ऐसा हो गया अपने ही किए पर अब सिर धुन रहा। यारों अपना हाल अब ऐसा हो गया अपने ही किए पर अब सिर धुन रहा।
फिर भी नशा बनाये रखते हैं हम सब फिर भी नशा बनाये रखते हैं हम सब
माँ फिर से मुझे मेरा बचपन लौटा दो न बस ये एक अंतिम ज़िद पूरी कर दो माँ! माँ फिर से मुझे मेरा बचपन लौटा दो न बस ये एक अंतिम ज़िद पूरी कर दो माँ!
कोई नेता न बेचने पाए, कफ़न किसी शहीद का, उस वसंती शाम को.... कोई नेता न बेचने पाए, कफ़न किसी शहीद का, उस वसंती शाम को....
व्योम कदाचित रूप तुम्हारा, अवतारी ओंकार गणेश। व्योम कदाचित रूप तुम्हारा, अवतारी ओंकार गणेश।